बेरोजगारी दूर होने से रुकेगा शहरों में पलायन
राजधर्म कहता है कि भूख, निर्धनता और बेरोजगारी किसी राज्य में है तो यह प्रजा की नहीं, राजा की नाकामी दर्शाती है। भारतवर्ष के नागरिक इस त्रासदी को सदियों से झेल रहे हैं। आजादी के बाद पंचवर्षीय योजनाएं बनीं। लागू हुईं, परंतु इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में रहने वाले निर्धनों तक नहीं पहुंच सका । …